भारत देश की आजादी के लिए कुर्बान होने वाले खुदीराम बोस की कहानी 

जो आज हम स्वतंत्रता से कुछ भी कह सकते, कर सकते, बोल सकते है इसके पीछे हमारे देश के बहुत से वीर शाहिद शामिल है इनकी गिनती भी करना चाहें तो हम नहीं कर पायेगें इसमें से ही एक थे वीर खुदीराम बोस

18 साल की उम्र में खुदीराम बोस ने देश की आजादी के लिए अपनी जान की कुर्बानी दी।

📜 उनकी वीरता, पराक्रम और साहस ने देश को प्रेरित किया।

🚩 खुदीराम बोस को 15 साल की उम्र में पहली गिरफ्तारी हुई थी और 18 साल की उम्र में उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी।

उन्होंने भारत माता की सेवा के लिए जोश से काम किया था और ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ अपने देश के लिए संघर्ष किया।

🕊️ खुदीराम बोस की शौर्यगाथा और बलिदान ने देश के युवाओं में अद्भुत प्रेरणा दी।

💪 खुदीराम बोस ने अपने जोश और साहस से देश की आजादी के लिए कठिनाईयों का सामना किया।

🔍 उन्होंने जिला जज डगलस किंग्सफोर्ड को मारने का प्लान बनाया था जिसमें उनके साथी प्रफुल्ल पटेल भी थे।

💣 उन्होंने डगलस किंग्सफोर्ड पर हमला किया था, लेकिन बम के निशाने चूक गए और जज की जान बच गई।

🌹 लोगों ने उन्हें वीर रस जगाने के लिए तारीफ की, और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने उनकी शहादत पर लेख लिखे थे।