Rashtriya Gokul gram yojana UPSC | गोकुल ग्राम योजना आवेदन ऑनलाइन | राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना | Gokul Gram Yojana Registration Online | Gokul Gram Yojana online Apply
सरकार द्वारा किसानों के लिए यह Gokul Gram Yojana 2024 महत्वपूर्ण योजना शुरू की गई है यहाँ पर हम आप सभी को सरकार की इस योजना के वारें में पूरी जानकारी देगें जेसे की राष्ट्रीय गोकुल मिशन 2024 क्या है , गोकुल ग्राम योजना के उद्देश्य, स्वदेशी गायों की समस्याएं, KEY Highlights, एप्लीकेशन फार्म, पात्रता एवं पंजीकरण आदि ताकि अगर कोई व्यक्ति इस सरकारी योजना का लाभ लेना कहता है तो वह आसानी से प्राप्त कर सके तो चलिए इस Gokul Gram Yojana के वारे में विस्तार से समझते हैं।
Table of Contents
राष्ट्रीय गोकुल मिशन 2024
स्वदेशी गायों के संरक्षण और नस्लों के विकास को वैज्ञानिक विधि से प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय गोकुल मिशन की घोषणा 28 जुलाई 2014 के दिन कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह द्वारा की गई। यह योजना राष्ट्रीय पशु प्रजनन एवं डेयरी विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत लाई गई।
भारत एक कृषि प्रधान देश है। बड़ी संख्या में भारतवासी अपनी जीविका के लिए कृषि और पशुपालन पर निर्भर करते हैं। पशुओं में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है गाय जो भारतीय संस्कृति की मूलाधार है। गाय का महत्व भारत में ना सिर्फ कृषि बल्कि सामाजिक, पारम्परिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और औषधीय दृष्टिकोण से भी है।
भारत में गाय की बास इन्डिकस प्रजाति पाई जाती है जिसे आम भाषा में देशी गाय कहा जाता है। इसकी पीठ पर कूबड होता है। दुनिया के अधिक देशों में बासटारस प्रजाति पाई जाती है जिसकी पीठ सपाट होती है। स्वदेशी गायों के विकास और संरक्षण हेतु वैज्ञानिक विधि का प्रयोगगौपालकों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए भारतीय नस्लों की गायों की उत्पादक क्षमता बढ़ाना
Rashtriya Gokul Mission yojana Highlights
योजना का नाम | Gokul Gram Yojana |
किसने शुरू की | केंद्र सरकार ने |
घोषणा का वर्ष | 28 जुलाई 2014 तथा 2022 |
लाभार्थी | पूरे देश के गौपालक |
बजट | 2014 में 2025 करोड़ रुपये के बजट का आवंटन किया गया। 2019 में 750 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि का प्रावधान रखा गया। |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन एवं ऑफलाइन |
आधिकारिक वेबसाइट | dahd.nic.in |
मंत्रालय | Department of Animal Husbandry and Dairying |
गोकुल ग्राम योजना के उद्देश्य
- स्वदेशी नस्लों का विकास, संरक्षण और संवर्धन
- स्वदेशी पशु नस्लों के लिए नस्ल सुधार कार्यक्रम आरम्भ करना जिससे अनुवांशिक सुधार और पशुओं की संख्या में वृद्धि की जा सके।
- किसानों एवं पशुपालकों के आर्थिक हितों को देखते हुए दुग्ध उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के उपाय करना।
- बहुत बड़ी संख्या में देश में गायों की नान डिस्करिप्ट ब्रीड है।
भारतीय गायों की नस्ल समस्याओं को दूर करने के लिए उच्च कोटी की नस्लों जैसे गिर, साहीवाल, राठी, देउनी, थारपारकर, रेड सिन्धी आदि का उपयोग करके नान डिस्करिप्ट गायों का विकास किया जाएगा। गुणवत्तापूर्ण कृत्रिम गर्भाधान द्वारा यह कार्य किया जाएगा।
- प्राकृतिक सेवाओं के लिए उच्च आनुवंशिक योग्यता वाले सांडों का वितरण।
गोकुल ग्राम योजना के माध्यम से ना सिर्फ पशुपालन को बढ़ावा दिया जाएगा बल्कि दूध उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए वैज्ञानिक विधि का उपयोग करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा और नोन डिस्करिप्ट गायों की नस्लों को सुधारा जाएगा।
भारतीय नस्ल की गायों से सम्बंधित समस्याएं :
- भारतीय गायों की उच्च नस्लें जैसे गिर, सिंधी, साहीवाल और राठी विलुप्त होने के कगार पर हैं।
- अधिकाशं नस्लें कम दूध देती हैं। इसलिए वे नस्लें लोकप्रिय नहीं है।
- अधिक दूध देने वाली उच्च नस्ल की भारतीय गायों की अनुपलब्धता के कारण अधिकांश किसान एच एफ या जर्सी गायों की तरफ मुडे हैं।
- अधिकांश भारतीय नस्ल की गायें स्वभाव से आक्रमक होती हैं। मनुष्यों को धमकाना, एक दूसरे से लडना आदि आम बात है। दूध दुहने के समय गाय की लात से बचने के लिए उसकी एक टांग को कई बार बांधना पडता है।
- ये नस्लें स्वतंत्रता पसंद भी होती हैं। चराई की भूमि की कमी तथा इनकी देखभाल के लिए लोगों की कमी के कारण किसानों और पशुपालकों को इन्हें रखने में समस्या होती हैं।
भारतीय नस्ल की गाय के अप्रिय होने के यही कारण हैं।
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गांवो का चयन
- योजना का शुभारंभ होते ही देश के सभी गांवों में पशु विभाग द्वारा सर्वे कराया गया। जहां पशुओं में प्रजनन की क्षमता के आधार पर गांव का चयन किया गया।
- योजना में सर्वप्रथम 21 गोकुल ग्राम आरम्भ करने का प्रावधान था।
- 4 गोकुल ग्राम वाराणसी, मथुरा, पटियाला एवं फोरा में वह 17 गोकुल ग्रामों का काम चल रहा है।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन की विशेषताएं :
- Gokul Gram Yojana के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पशु केंद्र बनाए जाएंगे।
- जिन गांवों में पशु केंद्र बनाए जाएंगे वे गांव गुरु ग्राम कहलाएगें।
- इन गोकुल ग्रामों के माध्यम में लगभग 1000 पशुओं के रखने की व्यवस्था एवं उनकी देखरेख होगी।
- गोकुल ग्रामों में पशुओं की पोषण सम्बन्धित आवश्यकता को पूरा करने के लिए चारा और अन्य भोजन सामग्री उपलब्ध होगें।
- हर गोकुल ग्रामों में एकपशु चिकित्सालय एवं कृत्रिम गर्भधारण सेंटर की व्यवस्था भी की जाएगी।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अन्तर्गत पुरस्कार का प्रावधान :
- पशुपालकों को प्रोत्साहित करने और उन्हें नई तकनीक को जल्दी अपनाने के लिए गोकुल ग्रामों में कई प्रकार की प्रतियोगिताएं रखी जाती हैं और पुरस्कार दिए जाते हैं।
- ये पुरस्कार डेरी एवं पशुपालन विभाग के द्वारा दिये जाते हैं।
- प्रथम और द्वितीय पुरस्कार पाने वालों को गोपाल रत्न दिया जाता है। तृतीय क्षेणी वालों को कामधेनु पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। कामधेनु पुरस्कार गौशालाओं व सर्वोत्तम ब्रीडिंग सेन्टरस को दिया जाता है।
गोकुल ग्राम योजना के लिए पात्रता (Eligibility Criteria) :
- आवेदक को भारत का मूल निवासी होना चाहिए।
- आवेदन सिर्फ छोटे किसान तथा पशुपालक ही कर सकते हैं।
- आवेदक की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- सरकारी पेंशन प्राप्त करने वाले पशुपालकों या किसानों को इस Gokul Gram Yojana का लाभ नहीं मिलेगा।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज:
- निवास प्रमाणपत्र
- आधार कार्ड
- आयु का प्रमाणपत्र
- आय का प्रमाणपत्र
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- मोबाइल नम्बर
- ईमेल आइडी
Gokul Gram Yojana Registration
- आवेदक को सर्वप्रथम पशुपालन और डेयरी विभाग के कार्यालय में जाना होगा।
- वहां फार्म में सभी जानकारियां ध्यानपूर्वक भरनी होंगी।
- फार्म के साथ जरुरी दस्तावेज अटैच करने होंगे।
- अंत में आवेदन फार्म पशुपालन और डेयरी विभाग में जमा कराना होगा।
आर्थिक कारणों से दूध उत्पाद के क्षेत्र में विदेशी नस्लों की गायों ने देशी नस्लों की गायों का स्थान ले लिया है। इस वजह से सरकार ने देशी गायों से जुडी समस्याओं को दूर करने के लिए और गौपालकों को स्वदेशी गायों की ओर पुनः आकर्षित करने के लिए गोकुल ग्राम योजना बनायी। इससे गायों की दुग्ध उत्पादन क्षमता बढेगी और पशुपालक किसानों की आय में वृद्धि होगी।
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B .A ComPlant
हमारे ग्राम पंचायत में एक भी पशु मित्र नहीं है
respected Sir,
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